Tuesday 5 November 2013

गाय

कृष्ण चंदर के गधे की तरह
बुद्धिमान,
एक गाय;
चल पड़ी संसद मार्ग पर

पहुचते ही
सबकी बुद्धि पर
कर दी चोट उसने
वीरेन की कविता में जैसे

और रचना कर दी
''गौ वंश वध प्रतिषेध अधिनियम' की
प्राथमिक विद्यालय के गणेश की
गति से भी द्रुत

तैतीस करोड़ देवताओं को
स्वयं में
कटेंन करने वाली
हे गाय माता;
हमें भी दो सींग
वरदान में,
एक ही सही
ताकि आसानी हो
छलनी करने में
इस मृत संविधान की आत्मा.

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