Thursday 2 April 2020

ठहरना

ठहरना नहीं है
बस एक क्रिया
नहीं है बस
ठहर जाना

ठहरना है खड़े रहना
सूखे पेड़ का,
जो बढ़ता नहीं है
बस खड़ा रहता है
गिरता नहीं है
ताकि उसे पेड़ कहा जा सके

ठहरना है अवशेष छोड़ना
किसी नदी का
जिसमें पानी रहा होगा कभी
जो अब कहीं नहीं है
कथाओं के अलावा,
अवशेषों के अलावा, कहीं भी नहीं

ठहरना है बने रहना
मनुष्य का
जिसे मालूम है जीवन
मालूम है मृत्यु
सो वह बस बने रहता है
आत्महत्या नहीं चुनता
ताकि उसे कहा जा सके जीवन

होने और न होने के बीच
युद्ध की,
ठहरना एक पीड़ा है
ठहराव की