Tuesday 5 November 2013

संविधान, गाँधी और कुत्ता

मैं संविधान हूँ 
मैं गाँधी की ही तरह हूँ
मेरे पास रोटी और छड़ी दोनों हैं
और तुम कुत्ते हो 


चाहो तो....
रोटी के लिए छड़ी सहो
चाहो तो.

चाहो तो...
दाँत मार कर छड़ी गिरा लो
और छीन लो रोटी


चाहो तो...
मेरे ऊपर बैठ, टाँग खड़ी कर लो 
चाहो तो !

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