Thursday 17 April 2014

जैंता एक दिन तो आलो - गिरदा


ततुक नी लगा उदेख 
घुनन मुनई नि टेक
जैंता एक दिन तो आलो ऊ दिन यो दुनी में

चाहे हम नी ल्यै सकां
चाहे तुम नी ल्यै सकां
मगर क्वे तो ल्यालो ऊ दिन यो दुनी में
जैंता एक दिन तो आलो ऊ दिन यो दुनी में

जैदिन कठुलि रात ब्याली
कौ कड़ाहा पौ फटाली
जैंता एक दिन तो आलो ऊ दिन यो दुनी में

जैदिन नान-ठुलों नि रौलो
जै दिन त्योर-म्योर नि होलो
जैंता एक दिन तो आलो ऊ दिन यो दुनी में

जै दिन चोर नि फलाल
कैक जोर नि चलौल
जैंता एक दिन तो आलो ऊ दिन यो दुनी में

चाहे बोज्यू नि ल्यै सको
चाहे दाज्यू नि लै सको
मगर नान-तिन तो लालो ऊ दिन यो दुनी में
जैंता एक दिन तो आलो ऊ दिन यो दुनी में

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