Monday 23 December 2013

गाँव


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गहरे अँधेरे में
जलते हर एक बल्ब नें
खुद को बताया
जमीं पर टिमटिमाता हुआ तारा
मैं ढूँढ रहा था
उनमें एक चाँद

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यहाँ कोई भी नहीं रखता
कदम
जवानी में
हाँ ....
कुछ घरों में
बैल जरुर बूढ़े हो रहे है

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बहनों का मायका
वही है
बस बदल चुके है
भाइयों के घर
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