Saturday 29 June 2013

ठहरे उलगुलान

१.
मुझे सिखाया गया
उथले पानी में नाव चलाना
जबकि मुझे पसंद था
रेतीले समंदर में
तूफानों से लड़ना
***

२.
मैं नहीं था
आलू की फ़सल
फिर भी बोया गया मुझे
काट कर
***

३.
मुझे दिए गए उदाहरण
बड़े-बड़े आदमियों के
मुझसे कहा गया
उनके जैसा बनने को
जबकि नहीं थी
उनकी टाँगे भी
डेढ़ फुट से ज्यादा लम्बी
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४.
मैं कबूतर नहीं हूँ
जॉर्ज पंचम भी व्यस्त हुआ करते थे
किसी ज़माने में.
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५.
मैं बरगद हूँ...
मेरी प्रेयसी को लगा
वह गिन लेगी मेरी धड़कने  
मेरी लटकती जडों में
झूला डालकर.
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६.
बंद किवाड़ों के भीतर
रहेगी मेरी गोपनीयता सुनिश्चित
यह सोचकर
मुझे ओढ़ा दी गई
धूल की नई चादरें
***

७.
दिल वाली साइड
मुझे नहीं सीनीं जेबें
मेरी कमीज़ पर
मुझे नहीं रखना
७८६ नंबर का बिल्ला
उसी साइड की जेब में
***

८.
श्रेष्ठता के जिन शिखरों को
छूना था मुझे
उन शिखरों की नीव थी
मेरी उन्वानहीन कविता
***

९.
जिस किसी ने भी सिखाया
किताबों में
दो और दो चार
व्यवहार में उसी ने सिद्ध किया
तीन और पांच
***

१०.
दस तक गिनने में
एक आया केवल एक बार
***





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